सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

आरटीआइ सम्मान समारोह का दीप जलायेगी नेत्रहीन रंजू
विष्णु राजगढ़िया
रांची : जमशेदपुर की रंजू कुमारी के लिए नेत्रहीनता कोई बाधा नहीं। प्रतिभावान रंजू भी सारे सामान्य काम आसानी से कर लेती है। रंजू कुमारी जेपीएससी की वर्ष 2007 में द्वितीय मुख्य परीक्षा में शामिल थीं। लेकिन नेत्रहीन होने के कारण उन्हें साक्षात्कार में बैठने नहीं दिया गया। उनकी ओर से राजेंद्र प्रसाद से सूचना मांगी कि नियमानुसार एक प्रतिशत पद पर दृष्टिहीन प्रत्याषियों का चयन क्यों नहीं यिा गया। सूचना नहीं मिलने पर मामला सूचना आयोग में गया. सूचना आयुक्त बैजनाथ मिश्र ने पाया कि जन सूचना अधिकारी ने संतोषजनक सूचना नहीं दी है. दृष्टिहीन अभ्यर्थियों के नाम और पते की सूचना के संबंध में जन सूचना पदाधिकारी ने तर्क दिया कि चयन प्रक्रिया की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए यह सूचना नहीं दी जा सकती. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह सूचना तीसरे व्यक्ति से संबंधित है जो सूचना कानून के तहत देय नहीं है. आवेदक ने किसी दृष्टिहीन का चयन नहीं किये जाने संबंधी कारण की सूचना मांगी थी. इस संबंध में जन सूचना अधिकारी द्वारा दी गयी सूचना को आयोग ने प्रामाणिक नहीं माना. अपने आदेश में सूचना आयुक्त ने लिखा कि जन सूचना अधिकारी द्वारा कहा गया है कि किसी दृष्टिहीन का चयन इसलिए नहीं हो सका क्योंकि साक्षात्कार के समय गठित मेडिकल बोर्ड के अनुसार दृष्टिहीन अभ्यर्थी का उपसमाहर्ता पद के लिए चयन नहीं किया जा सकता. लेकिन जन सूचना पदाधिकारी ने अपने इस जवाब के समर्थन में न तो मेडिकल बोर्ड को निर्णय की प्रतिलिपि उपलब्ध करायी और न ही जेपीएससी अथवा झारखंड सरकार का ऐसा कोई सरकुलर संलग्न किया जिसमें यह कहा गया हो कि किसी दृष्टिहीन व्यक्ति को उपसमाहर्ता पद पर चयनित नहीं किया जा सकता. सूचना आयोग ने यह भी पाया कि एक प्रतिशत आरक्षण के संबंध में दी गयी सूचना भी गोलमटोल है। इस प्रक्रिया में बाध्य होकर जेपीएससी ने रंजू नामक उस अभ्यर्थी को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया, जिसे पूर्व में दृष्टिहीन होने के नाम पर इस अवसर से वंचित रखा गया था. जेपीएससी ने विकलांग कोटि के परीक्षाफल जारी कर दिये। इसमें रंजू कुमारी सहित पांच विकलांग अभ्यर्थियों का चयन अंतिम रुप से कर लिया गया। साथ ही, विकलांगों को हक देने के लिए सरकार ने नीति भी बनायी।फिलहाल रंजू कुमारी जमषेदपुर में वाणिज्यकर अधिकारी हैं। उनका चयन आरटीआइ सिटीजन अवार्ड के लिए किया गया है। इतना ही नहीं, दस अक्तूबर को होटल चिनार मे ंआयोजित सम्मान समारोह का दीप भी रंजू ही जलायेंगी। जिस समारोह में कई पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री व विधायक हों, वहां रंजू की ऐसी वीआइपी हैसियत सूचनाधिकार की सफलता को बयान करती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें