रविवार, 17 मई 2009

नक्सलियों का नया प्रयोग
विष्णु राजगढ़िया
झारखंड में नक्सलियों ने एक नये राजनीतिक प्रयोग किया है। पलामू संसदीय क्षेत्र से झामुमो के टिकट पर नक्सली कमांडर कामेश्वर बैठा ने संसद में प्रवेश किया है। इस जीत को नक्सलियों की बदली रणनीति का प्रतीक माना जा रहा है। जेल में बंद श्री बैठा ने झामुमो प्रत्याशी के बतौर चुनाव भले ही लड़ा हो, इसे झामुमो की जीत के बतौर नहीं देखा जा रहा। झामुमो को अपने मजबूत जनाधार वाली राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर सीटें गंवानी पड़ी है। अकेले शिबू सोरेन अपनी दुमका सीट बचा सके हैं। वैसे भी पलामू संसदीय क्षेत्र में कभी झामुमो का जनाधार नहीं रहा। कामेश्वर बैठा की जीत उनकी अपनी जीत है। इस जीत के अपने कारण और अपने मायने हैं। नक्सलियों की मदद के बगैर यह जीत संभव नहीं थी।
नई दुनिया, 18 मई 2009 पेज सात

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